हैवानियत की हद: नवजात के मुंह में रूई और कान में बालू भरकर मरने फेंका, महिलाओं ने झोले में देखा तो फटी रह गईं आंखें
रामानुजगंज क्षेत्र से ममता को शर्मसार (Ashamed of Mamta) करने वाली तस्वीर आई सामने, लकड़ी काटने गई महिलाओं की पड़ी नजर तो बची जान, जाको राखे साइयां मार सके ना कोय वाली कहावत हुई चरितार्थ
रामानुजगंज. मारना और जिंदा रखना सब ऊपर वाले की मर्जी से होता है। ऐसी ही एक कहावत ‘जाको राखे साइयां मार सके ना कोय’ रामानुजगंज क्षेत्र में चरितार्थ हुई। 1 दिन की नवजात (Newborn) बालिका के मुंह में रूई तथा कान में बालू भरकर दरिंदों ने झोले में फेंक दिया।
वहां लकड़ी काटने गई महिलाओं की नजर पड़ी तो देखकर उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं। महिलाएं उसे लेकर नगर में पहुंचीं और जनप्रतिनिधियों की मदद से बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Hospital) लाया गया, यहां स्टाफ नर्सों ने जांच कर नवजात को स्वस्थ बताया। ममता को शर्मसार करने वाली इस घटना से क्षेत्र में लोगों में आक्रोश है।
रामानुजगंज से सौरव कुमार चौबे की रिपोर्ट