होशंगाबाद- (इटारसी) अभिभावक कल्याण संघ मध्य एक ज्ञापन मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन के नाम अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को दिया जिसमें कहा कि कोरोना महामारी विषम परिस्थिति के चलते अभिभावक आर्थिक तंगी से जूझ रहा है जिसकी लेकर तमाम अभिभावकों द्वारा जनहित याचिका न्यायालय हाई कोर्ट जबलपुर में लगाई गई जिसमें माननीय न्यायालय की टिप्पणी है कि अशासकीय स्कूल संचालक ट्यूशन फीस ले सकता है। परंतु अभिभावकों पर ट्यूशन फीस के लिए दबाव नहीं बना सकते ट्यूशन फीस ना देने पर बच्चों को ऑनलाइन कलास से वंचित नहीं कर सकते नाही ऑनलाइन परीक्षा से भी वंचित नहीं कर सकते हैं। अतः ट्यूशन फीस ना देने पर कोई भी स्कूल बच्चे को स्कूल से निकाल नहीं सकते परतु कुछ स्कूल संचालकों द्वारा जिले में कई जगह ऑनलाइन शिक्षा से एवं ऑनलाइन परीक्षा से बच्चों को वंचित किया जा रहा है एवं अभिभावकों पर ट्यूशन फीस के लिए जबरन जानबूझकर दबाव बनाए जा रहा है जिसको लेकर अभिभावक जिले के शिक्षा विभाग, कलेक्टर , अन्य तमाम अधिकारियों को शिकायत कर रहे हैं वही अभिभावक कल्याण मध्य प्रदेश द्वारा भी आयुक्त नर्मदा पुरम संभाग, जिला कलेक्टर , जिला शिक्षा अधिकारी, को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया जा रहा है परंतु विभाग द्वारा स्कूल के विरुद्ध कोई भी ठोस निर्णय एवं कार्रवाई नहीं किए जाने से स्कूल संचालकों की मनमानी इतनी बढ़ गई है कि पीड़ित अभिभावकों को न्याय के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है अतः कृपा कर स्कूलों की मनमानियों पर अंकुश लगाकर सख्त कार्यवाही की जाये। उपरोक्त सभी माँगों का न्याय निराकरण करने की कृपा करें। यदि यथासीघ्र समस्याओं का निराकरण नहीं किया जाता है तो अभिभावक कल्याण संघ नर्मदापुरम संभाग में तथा संपूर्ण मध्यप्रदेश में आंदोलन करने हेतु मजबूर होगा। प्रदीप गुप्ता की रिपोर्ट
