होशंगाबाद- शासकीय गृहविज्ञान महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में नगर के चिकित्सक डॉ. उमेष सेठा, वरिष्ठ पत्रकार राजू जुमनानी, प्रतिभा बैंक के सदस्य बेजू जौसफ, एनएसएस जिला समन्वयक डॉ. डी.एस. खत्री, डॉ. अरूण सिकरवार, डॉ. पी.आर.मानकर, एनएसएस अधिकारी डॉ. ज्योति जुनगरे, डॉ. हर्षा चचाने, श्रीमती खुषबू माने, डॉ. कीर्ति दीक्षित, श्रीमती किरण विष्वकर्मा, बैठक की अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. कामिनी जैन की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। एनएसएस इकाई-01 डॉ. ज्योति जुनगरे ने बैठक में ऐजंडा बताते हुए कहा कि वार्षिक कैलेण्डर के अनुसार वर्ष भर की गतिविधियों के अंतर्गत कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। शासन द्वारा समय-समय पर राष्ट्रीय सेवा योजना को दिये गये कार्यक्रम जैसे सात दिवसीय एनएसएस केम्प, स्वास्थ्य शिविर का आयोजन, साक्षरता अभियान बाल संरक्षण क्लब का गठन रेड रिबन क्लब का गठन ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन, योग व्यायाम एवं परेड गतिविधी इन बिन्दुओं पर विचार विमर्ष कर सम्मिलित किया गया है। श्री जोसफ ने बताया कि एनएसएस में उत्कृष्ट कार्य करने वाली छात्राओं को पुरस्कृत किया जाना चाहिए एवं विद्यार्थियों में समाज सेवा गुण का होना महती आवश्यकता है राजू जुमनानी ने अपने उदबोधन में कहा कि कैंप शहर के आस-पास उन गांव में लगाये जाना चाहिए। जो स्वास्थ्य एवं स्वच्छता की महत्ता को कम समझते हैं। हम इस कार्य में महिला एवं बाल विकास विभाग का सहयोग प्राप्त कर सकते हैं। जिला समन्वयक डॉ. डी.एस. खत्री ने अपने विचार रखते हुए कहा कि हमारे विद्यार्थियों ने जापान तक जिले का प्रतिनिधित्व किया है। हमें स्वास्थ परीक्षण के माध्यम से जागरूकता फैलानी होगी। डॉ. उमेश सेठा ने अपने उद्बोधन में कहा कि समाज कार्य के विद्यार्थियों को जागरूकता अभियान से जोड़ा जाना चाहिए। हमें जिले की किशोरी युवतियों के स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि लगभग 63 प्रतिशत कैंसर महिलाओं में ही होता है। हमें 5 वर्ष का कैलेण्डर तैयार कर कार्य करना होगा। डॉ. हर्षा चचाने ने कहा दीपावली से पूर्व रैली निकाल कर कचरा निस्तारण के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस बैठक में अध्यक्षीय उदबोधन में प्राचार्य डॉ. कामिनी जैन ने कहा कि वर्तमान समय में युवा पीढ़ी श्रम का महत्व नहीं जानती है। वह परिश्रम से नवीन कार्य कर नवीन परिणाम देने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। परिश्रमी विद्यार्थियों के प्रोत्साहन के लिए उन्हें संस्था द्वारा प्रषस्ति-पत्र प्रदान किया जाएगा एवं उन विद्यार्थियों को रोल मॉडल बनाया जाएगा। युवा पीढ़ी को यथार्थ के धरातल पर कार्य करना होगा। तभी स्थायी परिणाम प्राप्त होंगे। नर्मदा तट से पूजन सामग्री को एकत्रित कर स्वयं सेवक एवं स्वयं सेविकाओं द्वारा एकत्रित कर महाविद्यालय में इनको खाद के रूप में परिवर्तन किया जाएगा। प्रदीप गुप्ता की रिपोर्ट
