कौशाम्बी से खबरें
कौशाम्बी जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित सम्राट उदयन सभागार में नमामि गंगे अन्तर्गत परम्परागत कृषि विकास योजना के संबंध में बैठक आयोजित की गयी। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि जैविक खेती लोगो के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए बहुत ही लाभदायिक है। उन्होने किसानों को रासायनिक खादो का उपयोग न करने तथा अधिक से अधिक खेत में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कहा। उन्होने कहा कि जैविक खेती के उपज का मूल्य से रासायनिक खेती के उपज से काफी अधिक है। उन्होने कहा कि नमामि गंगे परियोजना के अन्तर्गत कृषकों द्वारा जैविक उत्पाद धान सब्जियांं का स्थानीय बाजार उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रयास किये जाने की आवश्यकता है।
जिलाधिकारी ने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी कोविड.19 के कारण लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बृद्धि में इन जैविक उत्पादों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्हेने इस परियोजना के अन्तर्गत कृषकों को स्थानीय बाजार उपलब्ध कराये जाने का निर्देश मण्डी सचिव एवं जिला उद्यान अधिकारी को दिया है।
जिला परियोजना समन्वयक नमामि गंगे यूपी डास्प श्री मनोज गौतम ने बताया कि नमामि गंगे परियोजना के अन्तर्गत गंगा के किनारे के 45 गावों में 63 कृषक क्लस्टर तैयार करके कुल 1260 हेक्टेयर क्षेत्रफल में जैविक खेती करायी जा रही है जिसमें धान एवं सब्जी के उत्पादन के बाद आगामी रबी में जैविक गेहू एवं जैविक सब्जियों के उत्पादन का कार्य कराया जाना हैए जिसके लिए कृषकों का चयन किया जा चुका है। कृषि विज्ञान केन्द्र के मृदा वैज्ञानिक डॉ0 मनोज कुमार सिंह ने बताया कि जैविक उत्पादों का सफल उत्पादन करने के लिए मानको का विशेष ध्यान देने की आवश्यकता हैए जिससे जैविक प्रमाणीकरण के उपरान्त कृषकों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य समय से मिल सके। उप कृषि निदेशक डॉ0 उदयभान गौतम ने बताया कि कृषक उत्पाद संगठनों को और सुढृढ़ करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी विजय कुमार जिला उद्यान अधिकारी श्री सुरेन्द्र राम भाष्कर कृषि अधिकारी श्री मनोज गौतम कृषकगण सहित संबंधित विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
एसीपी न्यूज़ चैनल कौशाम्बी से ब्यूरो चीफ पवन मिश्रा की रिपोर्ट