बिहार विधान सभा चुनाव मे मोदी है तो मुमकिन है, मध्यप्रदेश उपचुनाव मे शिवराज जी का जलवा कायम – रंजीत सिहं
बैतूल/सारनी। कैलाश पाटिल
आर्थिक मंदी, वैश्विक महामारी कोरोना, घटती जीडीपी, चीन से झड़प और बेकार के मुद्दे पर भी हमलावर विपक्ष। पिछले कुछ महीनों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को एक साथ कई मोर्चों पर लड़ना पड़ रहा है। इसके साथ ही मीडिया के एक वर्ग द्वारा सच्चे-झूठे सर्वे के आधार पर यह साबित करने का भरपूर प्रयास किया गया कि अब मोदी और भाजपा की लोकप्रियता बहुत घट गई है। किंतु बिहार विधानसभा चुनाव, मध्यप्रदेश की 28 विधान सभा सीटों के उपचुनाव के साथ लद्दाख से पूर्वोत्तर तक तथा गुजरात से लेकर तेलंगाना तक देश के तमाम राज्यों में हुए उपचुनाव में कमल जिस तरह खिला है उसने यह साबित कर दिया कि मोदी है तो कुछ भी मुमकिन है। सब से पहले बात बिहार विधानसभा चुनाव की। राजद के नेतृत्व वाले महा गठबंधन, उसके नेता तेजस्वी यादव और समर्थक मीडिया द्वारा यह अफवाह फैलाई गई कि बिहार की जनता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बहुत नाराज है और यदि भाजपा नीतीश के साथ चुनाव लड़ती है तो उसे भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन, जेपी नड्डा के कुशल नेतृत्व और सुशील मोदी सहित बिहार भाजपा के नेताओं के भरोसे भारतीय जनता पार्टी ने नीतीश के साथ अपने गठबंधन पर ही भरोसा किया और इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार में अपनी सहयोगी एलजेपी के भी बिहार में साथ छोड़ने का जरा भी परवाह नहीं किया। जब चुनाव के परिणाम आए तो सभी अनुमानों को धता बताते हुए एक बार पुनः एनडीए ने सत्ता में शानदार वापसी की। बिहार की जनता ने पूरे देश को यह बता दिया कि कि वे कभी भी 15 वर्ष पूर्व के जंगलराज और नीतीश के सुशासन को भूलने वाले नहीं हैं।
बिहार के आम चुनाव के साथ ही देश के तमाम राज्यों में हो रहे उपचुनावों में सबसे महत्वपूर्ण था मध्यप्रदेश विधानसभा की 28 सीटों पर हो रहा उपचुनाव क्योंकि इन सीटों पर जीत हार के साथ ही शिवराज सरकार का भविष्य तय होना था तथा ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं उनके साथियों का भाग्य निर्धारण भी होना था जिन्होंने कांग्रेस के कुशासन का विरोध करते हुए कांग्रेस की सरकार गिरा दी थी और भाजपा की सरकार राज्य में बनने का मार्ग प्रशस्त किया था। इन उपचुनावों में भी मोदी का जादू खूब चला तथा शिवराज सिंह चौहान की विकास पुरुष की छवि बीडी शर्मा का कुशल नेतृत्व और सिंधिया सहित प्रदेश भाजपा के अन्य नेताओं की कड़ी मेहनत ने 19 सीटों पर भाजपा को जीत दिलाई और कांग्रेस के उन तमाम दावों को नेस्तनाबूद कर दिया जिनके अनुसार शिवराज सरकार की उम्र केवल चुनाव तक थी और कांग्रेस सत्ता में वापसी के हसीन सपने देख रही थी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, गुजरात सहित देश के अन्य राज्यों में हुए उपचुनावों में भी भाजपा ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को कहीं भी अपने सामने टिकने नहीं दिया और लगभग अधिकतर सीटों पर जीत हासिल की। इन चुनावों में भाजपा की जीत ने यह साबित कर दिया कि देश की जनता विकास, राष्ट्रवाद सहित सभी जन हितैषी मुद्दों पर भाजपा के साथ है और वह बहकावों में आने वाली नहीं है क्योंकि वह अच्छी तरह जान चुकी है कि मोदी है तो सब कुछ मुमकिन है।