बिना डिग्री वाले कर रहे खिलवाड़ स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार ने ओन्ली बेशर्मी की चादर
होशंगाबाद (योगेश सिंह राजपूत) किसी चश्मे की दुकान में बिना ऑटोमेटिक के आंखों की जांच करने का काम किया जा रहा है तो उसे तत्काल प्रभाव से बंद करवा दिए ना चाहिए नियम का उल्लंघन करने वाले पैरामेडिकल 140 बटे दो के तहत एफ आइ आर भी दर्ज कराई जानी चाहिए मगर ऐसा नहीं हो रहा है सूत्रों के मुताबिक कतई दुकानों में चल रहे इस तरह के फर्जीवाड़े का मामला पूर्व में विधानसभा में भी घूम चुका है मगर इस बार भी हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं और दिन-ब-दिन मनमानी चरम सीमा पर पहुंच रही है घटिया ग्लास बेचकर वसूली कर रहे कई गुना अधिक कीमत चश्मे की दुकानों में आंखों की जांच को मजाक बना दिया गया है जबकि इसकी जांच के लिए ऑप्टोमीटर जैसी तकनीकी से शब्दों की बेहद आवश्यकता होती है मगर होशंगाबाद शहर में कुकुर मतों की तरह खुली है चश्मे की दुकान में काम करने वाले कर्मचारी ऐप तो मित्र बनकर चश्मे के नंबर निकाल रहे हैं और लोगों की आंखों की बीमारियों के नाम पर भ्रमित कर रहे हैं इनके कारनामों के बारे में चिकित्सक विभाग के जिम्मेदार मुट्ठी भर स्वार्थ के लिए आंखें मूंदे बैठे हैं बिना तकनीकी की दुकान में काम करने वाले साधारण कर्मचारियों के माध्यम से चश्मे का नंबर निकलवाने का काम धड़ल्ले से किया जा रहा है बताया जाता है कि घटिया क्लास की कई गुना अधिक कीमत तक वसूली की जा रही है उपभोक्ताओं की जेब पर खुलेआम डाका डालने का काम किया जा रहा है लोगों को इस बात की भनक तक नहीं है कौन से चश्मे की कीमत कितनी है और दामों में असमंजस की स्थिति बना कर मनमानी की जा रही है और जिम्मेदार बने हुए हैं