एंड्रॉइड फोन पाकर ख़ुशी से खिले हस्तशिल्पीयों के चेहरे, डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम में जिले की 200 महिलाओं ने लिया प्रशिक्षण
गिड़ा बाड़मेर से वागाराम बोस की रिपोर्ट
बाड़मेर के समय में एंड्रॉइड फोन सिर्फ बातचीत करने तक ही सिमित नहीं रहा | हेंडीक्राफ्ट काम से जुड़े गाँव के लोग इसका उपयोग सीख कर घर बैठे विश्व के किसी भी कोने में अपना सामान बेच सकते है एवं अपनी व अपने परिवार की आमदनी में बढ़ोतरी कर सकते है | यह उद्गार अंतर्राष्ट्रीय फैशन डिज़ाइनर डॉक्टर रूमा देवी ने बाड़मेर, सनावड़ा, इसरोल व चिमनासर गाँव में आयोजित डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम के समापन के अवसर पर व्यक्त किये |
इस कार्यक्रम में जाग्रति प्रोजेक्ट की समन्वयक आन्या ने मोबाइल फोन से अकाउंट बनाना, लेन – देन करना, वेबसाइट पर बाड़मेर हेंडीक्राफ्ट उत्पादों को जोड़ना सहित अन्य प्रशिक्षण देकर तकनीकी जानकारी प्रदान की | रुमा देवी एवं दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर ज्योति ने जाग्रति प्रोजेक्ट के तहत नोजी देवी, दरिमा देवी, लेहरों देवी, कमला देवी, सुगड़ी देवी, गीता देवी, आसू देवी, मांगी देवी, मोनी देवी, गवरी देवी, छगनी देवी, सीता देवी आदि कशीदाकारी करने वाली जागरूक महिलाओं को नि: शुल्क एंड्रॉइड मोबाइल फोन भेंट किये | नि: शुल्क एंड्रॉइड फोन पाकर महिला दस्तकारों के चेहरे ख़ुशी से खिल उठे |
ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान के सचिव विक्रम सिंह ने बताया की डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम के पहले चरण में अभी तक 200 महिला दस्तकार लाभान्वित हुए है | कार्यक्रम के अगले चरण में जिले के अन्य भागों में कार्यक्रम चला कर महिला दस्तकारों को लाभान्वित किया जायेगा |